रुद्रप्रयाग: केदारनाथ के लिए 30 जून से सभी हवाई सेवाएं बंद हो जाएंगी। लगातार हो रही वर्षा के चलते हेली कंपनियों ने यह निर्णय लिया है। पूर्व में हिमालयन हेली ने 10 जुलाई तक सेवाएं देने का निर्णय लिया था, लेकिन वह भी अपनी सेवाएं बंद कर देगी।
वहीं, अभी नौ में से दो हवाई कंपनियां ही सेवाएं दे रही हैं। अब तक 81 हजार से अधिक यात्री हेली सेवा से दर्शनों को पहुंच चुके हैं। उधर, सितंबर से दूसरे चरण की सेवाएं फिर से शुरू होंगी।
केदारनाथ धाम के लिए छह मई से हवाई सेवाएं शुरू हो गई थीं। सहायक नोडल अधिकारी हेली सेवा एसएस पंवार ने बताया कि नौ हवाई कंपनियों ने अपनी सेवाएं शुरू की थी, जिसमें सात हवाई कंपनियां अब तक लौट चुकी हैं, यह सभी कंपनियां अब अमरनाथ यात्रा में सेवाएं देंगी।
इस समय केवल दो हवाई कंपनियां आर्यन व हिमालय हेली अपनी सेवाएं दे रही हैं। इस वर्ष 14,665 उड़ानों से कुल 81,494 तीर्थ यात्री बाबा के दर पर पहुंचे हैं।
केदारनाथ डेंजर जोन पर मजदूर तैनात
केदारनाथ पैदल मार्ग पर वर्षाकाल में भी आवाजाही सुचारू रखने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रत्येक डेंजर जोन पर मजदूरों की तैनाती कर दी है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की लोनिवि शाखा के अधिशासी अभियंता प्रवीन कर्णवाल ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर बरसात में आवाजाही सुचारू रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रत्येक डेंजर जोन पर 15-15 मजदूर तैनात किए गए हैं, जो मार्ग अवरुद्ध होने की दशा में तत्काल मलबा हटाकर आवाजाही सुचारू करेंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में गौरीकुंड से एक किलोमीटर आगे पैदल मार्ग बंद हो गया था, जिसे तत्काल आवाजाही के लिए सुचारू किया गया।
जबकि वर्ष 2020 में गौरीकुंड से आठ किलोमीटर पैदल मार्ग पर पहाड़ी से मलबा आने से अवरुद्ध हो गया था, जिसे कुछ घंटों में ही सुचारू कर दिया गया। बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली, कुबेर, हथिनी, भैरव, ग्लेशियर प्वांइट में वर्षा के मौसम में कभी भी पहाड़ी से मलबा आ सकता है। इसलिए इन डेंजर जोन में मजदूर तैनात किए गए हैं।