देश डिजिटल इंडिया की ओर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन टिहरी जनपद के भिलंगना ब्लॉक स्थित सीमांत गांव गंगी में आजादी के 78 साल बाद जाकर बिजली और सड़क की सुविधा पहुंच पाई है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि गांव के विकास की नई शुरुआत का प्रतीक बन गई है।
गंगी गांव में अब न सिर्फ बिजली की व्यवस्था हो गई है, बल्कि बीएसएनएल टावर का कार्य भी प्रगति पर है, जिससे जल्द ही संचार व्यवस्था भी सुलभ हो जाएगी।
1.02 करोड़ की लागत से पूरी हुई विद्युत परियोजना
ऊर्जा निगम ने 1.02 करोड़ रुपये की लागत से करीब 12 किलोमीटर लंबी बिजली लाइन बिछाकर चार माह के भीतर गांव को बिजली से रोशन कर दिया है। अब तक 50 परिवारों ने बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन कर दिया है और कनेक्शन मिलने शुरू भी हो गए हैं। गांव की 6 तोको में लगभग 250 परिवार निवास करते हैं, जो अब बिजली से संचालित लघु उद्योग जैसे आटा चक्की, कारपेंट्री आदि के ज़रिए रोजगार की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
जनता की पुरानी मांग हुई पूरी
गंगी गांव के निवासी पिछले कई वर्षों से बिजली की मांग कर रहे थे। 2018 में गांव तक सड़क पहुंची थी, लेकिन विद्युत सुविधा अब जाकर पूरी हो सकी है। प्रारंभ में यह जिम्मेदारी उरेडा विभाग को दी गई थी, लेकिन कार्य में देरी होने के कारण टिहरी की सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने इसे ऊर्जा निगम को सौंपा। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के नेतृत्व में कार्य को प्राथमिकता देते हुए नवंबर 2024 में परियोजना को वित्तीय स्वीकृति दी गई और जनवरी 2025 से कार्य शुरू हुआ।
स्थानीय निवासियों में खुशी की लहर
स्थानीय निवासी वीर सिंह रावत और केदार बर्थवाल ने सरकार, प्रशासन और ऊर्जा विभाग का आभार जताया। उन्होंने कहा कि बिजली और संचार सुविधा के साथ अब गंगी गांव पर्यटन के नए केंद्र के रूप में उभर सकता है। सीमांत क्षेत्र में सुविधाओं के आगमन से एम्स क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने की भी उम्मीद है।