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बाबा रामदेव ने कहा- उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से धरती कुपोषित होगी तो इंसान का कुपोषित होना स्वभाविक

 हरिद्वार : जैविक खेती आज वैश्विक मांग बनती जा रही है। खेतों मे रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से धरती अति कुपोषित हो गई है। यह बात योग गुरु बाबा रामदेव ने इंटरनेशनल कान्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में कही। यह कान्फ्रेंस भारतीय पारंपरिक औषधि विज्ञान का समाज पर प्रभाव एवं उद्योग में भारतीय चिकित्सा की संभावनाओं पर आयोजित की जा रही है।

कार्यक्रम के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से धरती कुपोषित होगी तो इंसान का कुपोषित होना स्वभाविक है। अगले 20 से 25 सालों में भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व विकृति से प्रकृति और सनातन संस्कृति की ओर लौटेगा। जीरो बजट और पशुधन पर आधारित खेती वैश्विक मांग होगी।

कहां कि नेचुरल मेडिसिन दुनिया की मांग है। योग और आयुर्वेद असाध्य बीमारी के इलाज में कारगर है। मार्डन मेडिकल साइंस शैशव काल में है। इसका शीर्षासन होने वाला है। आज दुनिया में सबसे ज्यादा आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण पतंजलि में हो रहा है। आने वाले समय में पूरा विश्व भारत के पीछे चलने में गौरव महसूस करेगा। कहा कि हमने जमीन पर काम किया है तभी मुकाम पाया है।

हृदय रोगियों को मिलेगी निश्‍शुल्‍क व्‍यवस्‍था

बताया कि हृदय रोगियों को आने वाले समय में पतंजलि में रखकर पूरी तरह से स्वस्थ कर भेजने की निश्शुल्क व्यवस्था भी पतंजलि करने जा रहा है। इस दौरान उन्‍होंने आचार्य बालकृष्ण के बारे में कहा कि जो हजारों लाखों लोग जीवन भर कार्य नहीं कर पाते हैं वह कार्य आचार्य बालकृष्ण ने अपने जीवन अर्द्ध यात्रा में कर दिखाया है। इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में कई शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।

हर दिन विशेष रूप से कार्यक्रम होंगे। जिनमें आचार्य बालकृष्ण महाराज द्वारा रचित 75 पुस्तकों का विमोचन भी शामिल है। आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत आचार्य बालकृष्ण द्वारा रचित 75 पुस्तकों का 1 अगस्त से 3 अगस्त तक विमोचन शामिल है। 4 अगस्त को सभी पुस्तकों का लोकार्पण एक साथ होगा। अपने 50 वर्ष की उम्र में आचार्य बालकृष्ण ने कई कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं जो अपने आप में वर्ल्ड रिकार्ड है। बताया कि इन कार्यक्रमों की श्रृंखला में पहला दिन कृषि क्रांति एवं आत्मनिर्भर भारत को समर्पित है।

दूसरे दिन आयुर्वेद एक वैज्ञानिक चिकित्सीय पद्धति और तीसरे दिन हेल्थ केयर में चुनौतियां और मार्डन मेडिसिन और आयुर्वेद का मिलाजुला दृष्टिकोण पर चर्चा एवं शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। 4 अगस्त को पतंजलि के कार्यकर्ता देशभर में रक्तदान कर रिकार्ड स्थापित करेंगे। इसके साथ ही देशभर में औषधीय पौधों का पौधारोपण किया जाएगा। धरती का डाक्टर सायल टेस्टिंग मशीन का उद्घाटन किया जाएगा।

उद्घाटन सत्र में योग गुरु बाबा रामदेव को महर्षि सुश्रुत सम्मान एवं आचार्य बालकृष्ण को महर्षि वाग्भट सम्मान दिया गया। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पहले दिन के सत्र की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर रमेश चंद कर रहे हैं।

दूसरे दिन के सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर उनदूर्ति नरसिमा दास सीईओ यू एन डी लाइफ साइंसेज अमेरिका के होंगे। तीसरे दिन पर अध्यक्षता वैद्य राजेश कोटेचा सचिव आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं प्रोफेसर जे कुमार कुलपति ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी द्वारा होगी। चार अगस्त को राज्य के मुख्यमंत्री अन्य कैबिनेट मंत्रीगण, राज्यपाल, संत गणों की मौजूदगी में सत्र समाप्त होगा।

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