spot_img
Home Blog Page 3

उत्तरखण्ड- प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करते मंत्री गणेश जोशी। मंत्री जोशी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया रुद्रपुर, आजखबर। जनपद ऊधमसिंहनगर प्रभारी मंत्री एवं सरकार में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने ऊधमसिंहनगर के सितारगंज के शक्ति फार्म, प्रतापपुर तथा खटीमा, चकरपुर सहित प्रभावित विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर अतिवृष्टि के कारण हुए जल भराव तथा हानि का स्थलीय निरीक्षण कर आपदा प्रभावित परिवारों के भेंट कर उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को जल भराव की स्थिति से निपटने तथा प्रभावितों के लिए राहत सामग्री सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को सभी आपदा प्रभावितों के रहने, खाने व दवाओं की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा आपदा के कारण पशुओं तथा फसलों को हुई क्षति का आकलन कर मुआवजा पीड़ितों को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके उपरांत मंत्री गणेश जोशी ने सांसद अजय भट्ट के साथ प्रभावित क्षेत्र खटीमा के भूड़ महोलिया, विकास कॉलोनी सहित विभिन्न क्षेत्रों में आपदा की स्थिति जानी। इसके अतिरिक्त मंत्री जोशी ने खटीमा के अमांऊ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया। मंत्री गणेश जोशी ने जनपद में आपदा के दौरान जिला प्रशासन तथा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा शीघ्रता से हुए राहत बचाव कार्य के लिए प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों तत्परता से रेस्क्यू करने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने कहा पुष्कर सिंह धामी सरकार आपदा की इस स्थिति में प्रभावितों के साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करने हेतु प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। ——————————– मानसिक रोगग्रस्त बच्चों और किशोरों का होगा सर्वे -बंगलुरू के निमहांस और दून मेडिकल की टीम कर रही सर्वे -पिथौरागढ़ में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम नमन की शुरुआत

उत्तरखण्ड- प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करते मंत्री गणेश जोशी।

मंत्री जोशी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

रुद्रपुर, आजखबर। जनपद ऊधमसिंहनगर प्रभारी मंत्री एवं सरकार में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने ऊधमसिंहनगर के सितारगंज के शक्ति फार्म, प्रतापपुर तथा खटीमा, चकरपुर सहित प्रभावित विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर अतिवृष्टि के कारण हुए जल भराव तथा हानि का स्थलीय निरीक्षण कर आपदा प्रभावित परिवारों के भेंट कर उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को जल भराव की स्थिति से निपटने तथा प्रभावितों के लिए राहत सामग्री सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को सभी आपदा प्रभावितों के रहने, खाने व दवाओं की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा आपदा के कारण पशुओं तथा फसलों को हुई क्षति का आकलन कर मुआवजा पीड़ितों को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इसके उपरांत मंत्री गणेश जोशी ने सांसद अजय भट्ट के साथ प्रभावित क्षेत्र खटीमा के भूड़ महोलिया, विकास कॉलोनी सहित विभिन्न क्षेत्रों में आपदा की स्थिति जानी। इसके अतिरिक्त मंत्री जोशी ने खटीमा के अमांऊ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया। मंत्री गणेश जोशी ने जनपद में आपदा के दौरान जिला प्रशासन तथा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा शीघ्रता से हुए राहत बचाव कार्य के लिए प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों तत्परता से रेस्क्यू करने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने कहा पुष्कर सिंह धामी सरकार आपदा की इस स्थिति में प्रभावितों के साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करने हेतु प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
——————————–
मानसिक रोगग्रस्त बच्चों और किशोरों का होगा सर्वे

-बंगलुरू के निमहांस और दून मेडिकल की टीम कर रही सर्वे

-पिथौरागढ़ में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम नमन की शुरुआत

देहरादून-हार सामने देखकर अब बहाने तलाश रही कांग्रेस: भट्ट

देहरादून-हार सामने देखकर अब बहाने तलाश रही कांग्रेस: भट्ट

देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस को बद्रीनाथ और मंगलौर मे हार का अहसास हो गया है और अब सरकारी मशीनरी को बहाने के रूप मे देख रही है।
कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि हर चुनाव मे काग्रेस सरकारी मशीनरी को कोसती रही है, लेकिन सच को स्वीकार करने से बचती रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब ईवीएम को भी भूल चुकी है। वह सरकारी मशीनरी को अपनी सुविधा के अनुसार उपयोग मे लाती रही है। जनता ने तो क्षेत्रीय विकास के नाम पर भाजपा के पक्ष में मतदान का मन बनाया हुआ है।
भट्ट ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई केंद्रीय और स्थानीय नेता ऐसा नहीं है जिसकी जनता में विश्वसनीयता हो। जिसके चलते उनके लिए सफल जनसभा करना भी वहां बेहद मुश्किल हो रहा है । यही वजह है कि अपनी प्रचार सभाओं में प्रशासन द्वारा बाधा डालने के झूठे एवं मनगणत आरोप लगाए जा रहे हैं ।
धनबल एवं शराब के दुरुपयोग और अनैतिक गतिविधियों को लेकर यदि चुनाव आयोग छापे आदि की कार्यवाही कर रहा है तो उसमे तो सबको सहयोग करना चाहिए । लेकिन कांग्रेस उसमे भी राजनीति ढूंढ रही है और असत्य एवं अनर्गल आरोप लगा रही है । चुनाव में लाभ लेने और बाद में उन्हें हार के बहनों में तब्दील करने के उद्देश्य से यह सब राजनैतिक ड्रामा कांग्रेस द्वारा किया जा रहा है ।

भट्ट ने जोर देते हुए कहा कि बद्रीनाथ एवं मंगलोर विधानसभा राज्य के दोनो शुरुआती छोरों पर है, जहां मोदी एवं धामी जी नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार तीव्र गति से काम कर रही है। स्थानीय जनता को भी अहसास है कि छेत्र के बेहतर विकास के लिए जनप्रतिनिधि का सरकारों के साथ समन्वय होना लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त राज्य और केंद्र सरकार के विकास का शानदार ट्रेक रिकॉर्ड भी सबके सामने है। लिहाजा दोनों विधानसभा की जनता भाजपा के पक्ष में अपना मत देने जा रही है और हमारे प्रतियाशियों का बड़े अंतर से जीतना निश्चित है। चूंकि कांग्रेस को भी इस सच्चाई का अहसास हो गया है, इसीलिए उन्होंने हार को लेकर पुरानी बहानेबाजी एक मर्तबा फिर से शुरू कर दिया है ।

मनवीर सिंह चौहान
प्रदेश मीडिया प्रभारी
भाजपा, उत्तराखंड

पौड़ी गहढ़वाल -नो पेंडेंसी के सिद्धांत के आधार पर कार्य करें मुख्यमंत्री।

पौड़ी गहढ़वाल -नो पेंडेंसी के सिद्धांत के आधार पर कार्य करें मुख्यमंत्री।

जनपद पौड़ी के पुराने वैभव को बनाए रखने के लिए कार्य करें सभी विभाग

प्रतियोगी परीक्षाओं और सेना में जाने की तैयारी करने वालों के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा

कार्य मात्र औपचारिक ना हो बल्कि उसका ठोस आउटकम भी निकले

सभी सरकारी भवनों की छत पर सोलर पैनल और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के दिये निर्देश

मुख्यमंत्री द्वारा 133 करोड़ 14 लाख रुपए की 158 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया

80 करोड़ की 137 योजनाओं का लोकार्पण जबकि 53 करोड़ की 21 योजनाओं का शिलान्यास किया गया

विकासखंड पौड़ी में किया 21 लाख रुपए की लागत वाली बेडू प्रसंस्करण यूनिट का शुभारंभ

मुख्यमंत्री (उत्तराखण्ड ) श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने जनपद पौढ़ी भ्रमण के दौरान कुल 133 करोड़ 14 लाख रुपए की 158 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया। जिसमें 80 करोड़ की 137 योजनाओं का लोकार्पण जबकि 53 करोड़ की 21 योजनाओं का शिलान्यास किया।

इसके उपरांत उन्होंने विकासभवन सभागार में विभिन्न विभागों के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ली।

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई भी विभाग अपने स्तर पर किसी भी प्रकार की पेंडेंसी ना रखें जो कार्य जिस स्तर पर होना है उसको उच्च स्तर पर अग्रसारित ना करें। दो या दो से अधिक विभाग के मध्य विभिन्न योजनाओं को लेकर किसी भी की उहापोह की स्थिति ना हो इसके लिए आपसी बेहतर समन्वय से विकास कार्यों को क्रियान्वित करें जिससे विकास कार्य किसी भी दशा में बाधित न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद के पुराने वैभव को बनाए रखने के लिए सभी मंडलीय अधिकारी भी नियमित रूप से मंडल मुख्यालय में रहकर अपने कार्यों को संपादित करें।
माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं और सेवा में जाने की तैयारी करने वाले प्रतियोगियों के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा।

उन्होंने सभी सरकारी भवनों पर अनिवार्य रूप से सोलर पैनल और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि विभागीय कार्य मात्र औपचारिक नहीं होने चाहिए बल्कि उसका कुछ ना कुछ आउटकम निकलना चाहिए, इस नजरिये से कार्य करें।

उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं को सुनें और उनकी जो भी आशा होती है कोशिश करें कि उनको हम संतुष्ट कर पाएं।

माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान मानसूनी सीजन के दौरान सभी कार्मिक अलर्ट मोड पर रहें तथा जहां पर भी किसी भी प्रकार की मानसून के दौरान कोई छोटी या बड़ी आपदा आती है तो तत्काल त्वरित प्रतिक्रिया के से संबंधित की हरसंभव मदद करें।

मा मुख्यमंत्री ने आयुक्त और जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि जो निर्माण कार्य गतिमान हैं उसकी नियमित निगरानी करते हुए उसकी प्रगति बढ़ाएं।

उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि जनपद पौड़ी में पर्यटकों को आकृष्ट करने के लिए इन्नोवेटिव प्रयासों पर काम करें।
उन्होंने वन विभाग को प्रत्येक वर्ष समय रहते वन की आग पर अंकुश लगाने और मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए समय रहते प्रयास करने को कहा,साथ ही सामान्य जनमानस को जल संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए व्यापक पैमाने पर प्रचार – प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी हरेला पर्व पर केवल वृक्षारोपण ही ना करें बल्कि पेड़ को बचाने का भी संकल्प ले।

उन्होंने निर्देश किए दिए कि सभी विभाग अपने-अपने विभागीय योजनाओं का अधिक – से- अधिक लाभ दिलाने के लिए दुरस्त क्षेत्र में शिविर लगाकर लोगों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दें, उनके आवेदन भरें और नियमित रूप से लोगों से संपर्क रखें तथा बीडीसी और तहसील दिवस की बैठकों में भी लोगों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दें।

माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चारधाम और पर्यटकों के अधिक बाहुल्य क्षेत्र से सटे स्थानों को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की प्रेरणा से कार्य कर रहे हैं।

इस दौरान मा कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत और सतपाल महाराज तथा माननीय विधायकगणों ने भी प्रदेश और जनपद के विकास कार्यों के संबंध में अपने बहुमूल्य सुझाव साझा किए।

इसके उपरांत मुख्यमंत्री जी ने विकासखंड कार्यालय पौड़ी के समीप 21 लाख की सहायता से बने पहाड़ी अंजीर(बेड़ू) प्रसंकरण इकाई का लोकार्पण किया। जिसका संचालन उमंग स्वायत्त सहकारिता पौड़ी द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने इकाई में बेड़ू से बनाये जा रहे उत्पादों का जायजा लिया तथा इस तरह के अनूठे प्रयास की सराहना की।

बैठक में कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सतपाल महाराज(ऑनलाइन), जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, विधायक यमकेश्वर रेनू बिष्ट, विधयक लैंसडौन महंत दिलीप रावत, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, मुख्य वन संरक्षक नरेश कुमार, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल करण सिंह नगन्याल, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अन्थवाल, डीएम पौढ़ी डॉ आशीष चौहान, एसएसपी लोकेश्वर सिंह, सीडीओ अपूर्वा पांडेय सहित ब्लॉक प्रमुख, अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण उपस्थित थे।——जिला सूचना अधिकारी, जनपद पौड़ी गढ़वाल।

जोशीमठ के पैनी गांव में चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओ को सम्बोधित करते कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी।

जोशीमठ के पैनी गांव में चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओ को सम्बोधित करते कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बद्रीनाथ वासियों से भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी के पक्ष में मतदान की अपील।

जोशीमठ, 06 जुलाई। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने चमोली के जोशीमठ में बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर जोशीमठ स्थित पैनी गांव के पंचायत भवन में विभिन्न महिला समूह की महिलाओं के साथ उपचुनाव के दृष्टिगत चुनावी बैठक कर बद्रीनाथ वासियों से आगामी 10 जुलाई को भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी के पक्ष में मतदान करने की अपील की।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आजीविका बढ़ाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित की जा रहा है। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति मजबूत होती है तो देश भी मजबूत होता है। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक प्रदेश में समूह की 1.50 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि आज समूह में माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। मंत्री ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जन कल्याणकारी सभी योजनाएं गरीब वंचितों को केन्द्रित करने बनाई गई है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने ग्रामीणों की समस्या भी सुनी और शीघ्र निराकरण का का भरोसा भी दिलाया। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का फूल मालाओं से स्वागत भी किया गया।
इस अवसर पर पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, महिला मंगलदल अध्यक्ष सुचिता चौहान, बीजेपी पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक कर्नल (रि०) रघुवीर सिंह भंडारी, पार्षद मंजीत रावत, शिवानी सती, हेमा रावत, लता रावत, हेमा रौतेला आदि उपस्थित रहे।

मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने ब्रिटेन में अपनी उपस्थिति मजबूत की, लीसेस्टर में खोला अपना दूसरा शोरूम! देहरादून:-दुनिया के छठे सबसे बड़े आभूषण विक्रेता (ज्वेलरी रिटेलर) मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने ब्रिटेन के लीसेस्टर में अपने दूसरे शोरूम की शुरुआत की है. दुनिया के 13 देशों में मलाबार के 350 शोरूम हैं. लीसेस्टर के सिटी मेयर पीटर सोलस्बी ने नए शोरूम का उद्घाटन किया. मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी (इंटरनेशनल ऑपरेशंस) शामलाल अहमद, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के ब्रिटेन और यूरोप के ऑपरेशंस प्रमुख मोहम्मद जियाद, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के रीजनल हेड संतोष टी, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के जोनल हेड नौफल थडाथिल, समूह के प्रबंधन टीम के अन्य सदस्य, ग्राहक और शुभचिंतक भी इस मौके पर उपस्थित थे. नया शोरूम बेलग्रेव रोड के गोल्डन माइल पर स्थित है. यह 2,000 वर्ग फुट में फैला है और इसमें 20 देशों के 20,000 से अधिक डिजाइन वाले गहनों का शानदार कलेक्शन है. इस कलेक्शन में सोने, हीरे और अन्य बहुमूल्य धातुओं से बने ऐसे गहने शामिल हैं जिनका इस्तेमाल शादी-विवाह के मौके पर दुल्हन के लिए, किसी खास मौके पर पहनने के लिए और यहां तक कि दैनिक जीवन में या ऑफिस में पहनने के लिए किया जा सकता है. मलाबार ग्रुप के चेयरमैन एम पी अहमद ने कहा, “लंदन में अपने पहले शोरूम के साथ हमने एक साल पहले ही ब्रिटेन में अपने कारोबार की शुरुआत की थी. यह हमारे लिए बेहद गर्व की बात है कि हम इतने कम समय में लीसेस्टर में ब्रिटेन के अपने दूसरे शोरूम की शुरुआत कर रहे हैं, यह ग्राहकों का हमारे ब्रांड के प्रति विश्वास को दिखाता है.” मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी-इंटरनेशनल ऑपरेशन्स शामलाल अहमद ने कहा, “ब्रिटेन में भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों की एक जीवंत कम्युनिटी है जो भारत के हाथ से बने गहनों की शिल्प को दिल से चाहते हैं. इससे प्रेरित होकर हमने लीसेस्टर में नए शोरूम की शुरुआत के साथ अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. नए स्टोर की शुरुआत महज हमारी खुदरा उपस्थिति में ही बढ़ोत्तरी नहीं करता है बल्कि यह उत्कृष्टता (एक्सीलेंस), शिल्प कौशल (क्राफ्टमैनशिप) और अद्वितीय कस्टमर सर्विस के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को भी दिखाता है. हमारे पास ब्रिटेन और यूरोपीय क्षेत्र में विस्तार की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं. इसके तहत लंदन में साउथॉल और वेम्बली के साथ-साथ बर्मिंघम और मैनचेस्टर में भी तत्काल उद्घाटन की योजनाएं शामिल हैं.” मलाबार ग्रुप के वाइस चेयरमैन अब्दुल सलाम के.पी ने कहा, “हमारे कारोबार के प्रैक्टिस में उत्तरदायित्व और सस्टेनिबिलिटी पूरी तरह से समाहित हैं. इनमें एलबीएमए-सर्टिफाइड बुलियन से लेकर बिना किसी संघर्ष के हीरे सोर्स करने से लेकर ग्राहकों के लिए पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करना, उचित लेबर प्रैक्टिस अपनाना और ईएसजी पहलों के जरिए समाज में अपना योगदान करना शामिल है. मेक इन इंडिया और मार्केट टू वर्ल्ड पहल के तहत हम भारत के हस्तनिर्मित गहनों को दुनियाभर के लोगों तक पहुंचाने के लिए दृढ़-संकल्पित रहेंगे.”

मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने ब्रिटेन में अपनी उपस्थिति मजबूत की, लीसेस्टर में खोला अपना दूसरा शोरूम!

देहरादून:-दुनिया के छठे सबसे बड़े आभूषण विक्रेता (ज्वेलरी रिटेलर) मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने ब्रिटेन के लीसेस्टर में अपने दूसरे शोरूम की शुरुआत की है. दुनिया के 13 देशों में मलाबार के 350 शोरूम हैं. लीसेस्टर के सिटी मेयर पीटर सोलस्बी ने नए शोरूम का उद्घाटन किया. मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी (इंटरनेशनल ऑपरेशंस) शामलाल अहमद, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के ब्रिटेन और यूरोप के ऑपरेशंस प्रमुख मोहम्मद जियाद, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के रीजनल हेड संतोष टी, मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के जोनल हेड नौफल थडाथिल, समूह के प्रबंधन टीम के अन्य सदस्य, ग्राहक और शुभचिंतक भी इस मौके पर उपस्थित थे.

नया शोरूम बेलग्रेव रोड के गोल्डन माइल पर स्थित है. यह 2,000 वर्ग फुट में फैला है और इसमें 20 देशों के 20,000 से अधिक डिजाइन वाले गहनों का शानदार कलेक्शन है. इस कलेक्शन में सोने, हीरे और अन्य बहुमूल्य धातुओं से बने ऐसे गहने शामिल हैं जिनका इस्तेमाल शादी-विवाह के मौके पर दुल्हन के लिए, किसी खास मौके पर पहनने के लिए और यहां तक कि दैनिक जीवन में या ऑफिस में पहनने के लिए किया जा सकता है.

मलाबार ग्रुप के चेयरमैन एम पी अहमद ने कहा, “लंदन में अपने पहले शोरूम के साथ हमने एक साल पहले ही ब्रिटेन में अपने कारोबार की शुरुआत की थी. यह हमारे लिए बेहद गर्व की बात है कि हम इतने कम समय में लीसेस्टर में ब्रिटेन के अपने दूसरे शोरूम की शुरुआत कर रहे हैं, यह ग्राहकों का हमारे ब्रांड के प्रति विश्वास को दिखाता है.”

मलाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के एमडी-इंटरनेशनल ऑपरेशन्स शामलाल अहमद ने कहा, “ब्रिटेन में भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों की एक जीवंत कम्युनिटी है जो भारत के हाथ से बने गहनों की शिल्प को दिल से चाहते हैं. इससे प्रेरित होकर हमने लीसेस्टर में नए शोरूम की शुरुआत के साथ अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. नए स्टोर की शुरुआत महज हमारी खुदरा उपस्थिति में ही बढ़ोत्तरी नहीं करता है बल्कि यह उत्कृष्टता (एक्सीलेंस), शिल्प कौशल (क्राफ्टमैनशिप) और अद्वितीय कस्टमर सर्विस के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को भी दिखाता है. हमारे पास ब्रिटेन और यूरोपीय क्षेत्र में विस्तार की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं. इसके तहत लंदन में साउथॉल और वेम्बली के साथ-साथ बर्मिंघम और मैनचेस्टर में भी तत्काल उद्घाटन की योजनाएं शामिल हैं.”
मलाबार ग्रुप के वाइस चेयरमैन अब्दुल सलाम के.पी ने कहा, “हमारे कारोबार के प्रैक्टिस में उत्तरदायित्व और सस्टेनिबिलिटी पूरी तरह से समाहित हैं. इनमें एलबीएमए-सर्टिफाइड बुलियन से लेकर बिना किसी संघर्ष के हीरे सोर्स करने से लेकर ग्राहकों के लिए पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करना, उचित लेबर प्रैक्टिस अपनाना और ईएसजी पहलों के जरिए समाज में अपना योगदान करना शामिल है. मेक इन इंडिया और मार्केट टू वर्ल्ड पहल के तहत हम भारत के हस्तनिर्मित गहनों को दुनियाभर के लोगों तक पहुंचाने के लिए दृढ़-संकल्पित रहेंगे.”

हिंदुओं को अपमानित करने वाले राहुल के पैरोकार बने कांग्रेसियों का व्यवहार दुखदः चौहान!

हिंदुओं को अपमानित करने वाले राहुल के पैरोकार बने कांग्रेसियों का व्यवहार दुखदः चौहान!

-कांग्रेसियों को आड़े हाथ लेते हुए चैहान ने कहा कि देश की जनता नहीं करेगी माफ

देहरादून, आजखबर। भाजपा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी के द्वारा हिंदुओं के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके इस कृत्य को सही ठहराने के लिए पैरोकार बने कांग्रेसियों का यह व्यवहार दुखद है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को इसके लिए अक्षम्य बताया और आड़े हाथ लिया है। देश की जनता उन्हें माफ नही करने वाली है। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान ने इसे देवभूमि के अपमान से जोड़ते हुए कहा कि वैसे तो राहुल के कृत्य का प्रदेश के नेताओं द्वारा समर्थन स्वाभाविक है और सभी इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। कांग्रेस मे सनातन पर चोट करने वालों मे स्पर्धा का वातावरण हमेशा ही रहा है जो कि दुखद है।
पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा समस्त हिंदू समाज के अपमान को बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस पूरे मुद्दे पर राज्य के कांग्रेसियों द्वारा अपने युवराज का बचाव अफसोसजनक एवम देवभूमि की सनातन परंपराओं के विरुद्ध बताया। अपने नेता के बयान को सही ठहराने के लिए वे जिस तरह के तर्क दे रहे हैं वे किसी के गले नही उतरने वाले हैं। क्योंकि पूरे देश ने लाइव प्रसारण में देखा कि किस तरह उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो हिंदू होने का दावा करते हैं वह 24 घंटे हिंसा हिंसा हिंसा, नफरत नफरत नफरत करते हैं। लेकिन अपने नेता की चरण वंदना करते हुए उनके बयान को न्यायोचित बताने की होड़ में वे देवभूमिवासियों की भावनाओं के साथ अन्याय कर रहे हैं। स्थानीय कांग्रेस नेताओं के समर्थन वाले इन बयानों ने एक बार पुनः साबित कर दिया है कि ये लोग वही हैं जो बंद कमरों में मुस्लिम यूनिवर्सिटी का वादा करते हैं, जो नमाज के लिए छुट्टी के आदेश निकालते हैं और जिन्हें अवैध धार्मिक अतिक्रमणों पर कार्रवाई से सबसे अधिक दुख होता है। इसके अलावा उन्हें पुलिस पर जानलेवा हमला करने वाले दंगाइयों से सहानुभूति होती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने कृत्यों एवं विचारों से हमेशा सनातन विरोधी होने की उपस्थिति दर्ज कराती रहती है। यही वजह है कि राज्य की सनातनी जनता भी उन्हें इसकी बार बार सजा दे रही है। कांग्रेसी फिर संसद से लेकर सड़क तक एक सुर में हिंदू समाज का अपमान कर रहे हैं । लिहाजा इस बार भी उन्हे सबक सिखाने का जिम्मा देवभूमिवासियों पर है, क्योंकि उत्तराखंड सहित देश की सनातन संस्कृति की ध्वजवाहक है। इस पूरे घटनाक्रम ने सनातन के अपमान की आग में घी डालने किया है जिसके कारण उत्तराखंड समेत समूचे देश विदेश में राहुल और कांग्रेस के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि राज्य की बद्रीनाथ और मंगलोर विधानसभा भी इससे अछूती नहीं है । यहां की जनता ने भी 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवारों को रिकॉर्ड मतों से सबक सिखाने का मन बना लिया है।

स्टार हैल्थ इंश्योरेंस ने 50 शहरों और कस्बों में अपनी होम हैल्थ केयर सेवाएं उपलब्ध कराईं

स्टार हैल्थ इंश्योरेंस ने 50 शहरों और कस्बों में अपनी होम हैल्थ केयर सेवाएं उपलब्ध कराईं

देहरादून, भारत की सबसे बड़ी रिटेल हैल्थ इंश्योरेंस कंपनी, स्टार हैल्थ एंड एलाईड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने भारत के 50 से ज्यादा शहरों में अपनी होम हैल्थ केयर सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। यह एक अत्यधिक व्यक्तिगत ग्राहक-केंद्रित पहल है, जिसका उद्देश्य ग्राहकों को उनके द्वार पर ही प्रभावशाली हैल्थकेयर समाधान और सुगम एवं तुरंत क्लेम सैटेलमेंट उपलब्ध कराना है। भारत में इन-होम मेडिकल केयर प्रदान करने के लिए स्टार हैल्थ इंश्योरेंस ने केयर24, पोर्टी, कॉलहैल्थ और अतुल्य होमकेयर जैसे अग्रणी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ गठबंधन किया है।
स्टार हैल्थ इंश्योरेंस के एमडी एवं सीईओ, आनंद रॉय ने कहा कि स्टार हैल्थ इंश्योरेंस में हमारा विश्वास है कि आज के ग्राहकों की विकसित होती हुई जरूरतों को पूरा करने में टेक्नोलॉजी मुख्य भूमिका निभाती है। होम हैल्थकेयर सर्विसेज का लॉन्च सुगम स्वास्थ्य सेवा समाधानों द्वारा ग्राहकों को बेेहतर अनुभव प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ग्राहक अब स्टार हैल्थ मोबाईल ऐप द्वारा सुगमता से कई संक्रामक बीमारियों के लिए 100 प्रतिशत कैशलेस होम हैल्थकेयर सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।
140 करोड़ से ज्यादा आबादी के साथ भारत में स्वास्थ्य सेवा एक बड़ी चुनौती है। यहाँ स्वास्थ्य सेवा के सीमित इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की उपलब्धता कम है। स्टार हैल्थ इंश्योरेंस सुगम और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराके इस कमी को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। 50 से ज्यादा शहरों में मौजूद हमारे ग्राहक हमें कॉल करके या स्टार हैल्थ मोबाईल ऐप द्वारा बुखार, एक्यूट गैस्ट्रोएंटेराइटिस, मूत्रनली के संक्रमण (यूटीआई) और एक्यूट गैस्ट्राइटिस जैस संक्रामक बीमारियों का इलाज प्राप्त कर सकते हैं। इस गठबंधन द्वारा स्टार हैल्थ इंश्योरेंस प्राईमरी और क्रिटिकल केयर, इंटीग्रेटेड हैल्थकेयर सेवाओं, नर्सिंग, वृद्धों की केयर, फिजियोथेरेपी, शिशुओं की केयर, लैब डायग्नोस्टिक्स, और फार्मेसी की सेवाएं ग्राहकों के द्वार पर सुगमता से उपलब्ध कराएगा।
———————————
फोटो-03 एफ-लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान सीएम।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चारधाम यात्रा मार्गों पर मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ खाघ विभाग का अभियान जारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चारधाम यात्रा मार्गों पर मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ खाघ विभाग का अभियान जारी

खाघ विभाग ने 325 दुकानों का किया निरीक्षण, 155 सैम्पल जांच को भेजे, 6 मिलावटखोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, 03 अन्य के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी

बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मोबाइल टेस्टिंग वैन से जांचे 500 सैंपल, गंगोत्री-यमुनोत्री में भी मोबाइल वैन चलाने की तैयारी

आम जनता के लिए ट्रोल फ्री नंबर 180018042 जारी, खाघ विभाग ने कार्बाइड युक्त फलों को लेकर भी शुरू किया अभियान, फलों के नमूने एकत्र कर उन्हें आवश्यक जांच के लिए भेजा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर विशेष अभियान शुरू कर दिया गया था। यह अभियान वर्तमान में भी लगातार जारी है। उपायुक्त गढ़वाल मंडल राजेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में टीमों का गठन कर यात्रा मार्गों पर होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में बेची जा रही खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर जांच की जा रही है। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार की ओर से अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये गये हैं कि कि अभियान में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश नहीं की जायेगी। आयुक्त के स्पष्ट निर्देश हैं कि चारधाम यात्रा मार्ग पर कोई भी दुकानदार मिलावटी सामान, खाद्य पदार्थ व फलों को नहीं बेच पाये इसका विशेष ध्यान रखा जाये। डॉ आर राजेश कुमार द्वारा उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले में अभियान चलाने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

325 दुकानों का निरीक्षण, 155 नमूने जांच को भेजे गये
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार के निर्देशों के अनुक्रम में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। चारधाम यात्रा मार्गों पर मिलावटी खाद्य पदार्थों पर खास निगरानी रखी जा रही है। मिलावटी या एक्सपायरी डेट के खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उपायुक्त गढ़वाल मंडल राजेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम अब तक 325 दुकानों का निरीक्षण कर चुकी है। इसमें 155 नमूने संदिग्ध पाये गये जिनको जांच के लिए लैब में भेजा गया है। जांच रिपोर्ट मानको के अनुरूप नहीं आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि अभी तक हमने मिलावटी सामान व खाद्य पदार्थ बेचने वाले 6 दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। 03 अन्य दुकानदारों के खिलाफ भी मिलावटी सामान बेचने में कार्रवाई गतिमान है। आम जनमानस के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी चारधाम यात्रा के दौरान विभाग ने अभियान चलाया था।

मोबाइल टेस्टिंग वैन से लिये गये 500 सैंपल
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि मोबाइल टेस्टिंग वैन की टीम ने पूरे यात्रा मार्ग पर होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों के साथ खाद्य पदार्थ की दुकानों का निरीक्षण कर नमूनों की जांच की। इस दौरान 500 से अधिक सैंपल लिये गये। इनमें किसी भी सैंपल में कोई मिलावट नहीं पाई गई। अपर आयुक्त ने बताया कि अभी मोबाइल टेस्टिंग वैन बद्रीनाथ-केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सैंपलों के जांच के लिए लगाई गई है। जल्द मोबाइल टेस्टिंग वैन को गंगोत्री-युमनोत्री यात्रा मार्ग पर भी सैंपलों की जांच के लिए भेजा जायेगा। अपर आयुक्त ने बताया कि मोबाइल वैन में नमूनों की जांच के लिए एक डिप्टी कमिशनर व एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी तैनात रहता है।

आईइसी के साथ मिलकर चलाया जागरूकता अभियान
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही विभाग द्वारा आईइसी के साथ मिलकर मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर जनजागरूकता अभियान शुरू कर दिया गया था। स्थानीय व्यापारियों, ढाबा संचालकों, फल विक्रेताओं मेडिकल स्टोर संचालकों के साथ बैठकें कर पूरी गाइडलाइन से अवगत कराया गया। जिसके बाद काफी परिवर्तन यात्रा मार्गों पर देखने को मिल रहा है।

आम जनता के लिए ट्रोल फ्री नंबर
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि आम जनता के लिए भी ट्रोल फ्री नंबर 180018042 जारी किया गया है। किसी भी व्यकित को किसी भी प्रकार के मिलावट या एक्सपायरी सामान बेचे जाने की जानकारी मिलती है तो वह ट्रेाल फ्री नम्बर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

मिलावटी फलों को लेकर अभियान
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि आयुक्त डॉ आर० राजेश कुमार के निर्देशानुसार प्रतिबंधित कैल्शियम कार्बाइड युक्त फलों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया गया है। हमने विभिन्न फलों के नमूने एकत्र कर उन्हें आवश्यक जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया है। अपर आयुक्त ने बताया कि फलांे को कार्बाेइड से पकाने तथा कलर करने की शिकायत मिलने पर गढ़वाल आयुक्त एफडीए डॉ आर एस रावत के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम द्वारा निरंजनपुर सब्जी मण्डी, नेहरु कौलोनी सब्जी मंडी, आराघर सब्जी मंडी तथा 6 नम्बर पुलिया सब्जी मण्डी का औचक निरीक्षण किया गया। टीम के द्वारा तरबूज, खरबूज, पतीता, आम, केला के 9 नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गये हैं। फलों जैसे आम, केले, पपीता आदि को पकाने हेतु प्रतिबंधित कार्बाेइड का प्रयोग करते नहीं पाया गया। मौके पर फलों को पकाने हेतु ऐथेलीन का प्रयोग करते पाया गया। फलो को सेथेलीन से पकाने हेतु भारतीय खाद्य सुरखा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा प्रमाणीकरण किया गया है। फलो में विशेषकर तरबूज, खरबूज आदि में कलर करते नहीं पाया गया। टीम में अभिहित अधिकारी मुख्यालय मनीष समाना, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी दे०झ रमेश सिंह, मंडी उप निरीक्षण आदि थे। अपर आयुक्त ने बताया कि मिलावटी फलों को लेकर यह अभियान यात्रा मार्गों के साथ पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है।

विकासनगर/चकराता में नष्ट कराया गया एक्सपायरी डेट का सामान
अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि उपायुक्त मुख्यालय जी०सी० कण्डवाल के नेतृत्व में गठित संयुक्त टीम द्वारा यात्रा मार्ग व पर्यटन स्थलों में अभियान चलाया जा रहा है। जनपद देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में यह अभियान जारी है। टीम द्वारा खाद्य पदार्थों के थोक विक्रेताओं, होटल, रेस्टोरेंट, रिजोर्ट आदि प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता तथा किचन, स्टोर का निरीक्षण किया गया। विकासनगर के बरोटीवाला, लांधा रोड़ में स्थित खाद्य निमाताओं/ फुटकर विक्रेताओं का खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के प्राविधानों के अन्तर्गत निरीक्षण किया गया। संयुक्त टीम द्वारा खाद्य तेल निर्माण ईकाई का भी औचक निरीक्षण कर लाइसेंस, लेबलिंग कंडिशन व भंडारण की जाँच की गई। साथ ही खास आपूर्ति कर रहे वाहनों को भी जांचा गया। इसके बाद टीम द्वारा हरिपुर, कालसी बाजार में आधा दर्जन प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। कालसी स्थित डेली नीड्स स्टोर में एक्सपायरी डेट के मसालों, शीतल पेय के लगभग 50 पैकेट व बोतल को मौके पर नष्ट करवाया गया। साथ ही खाद्य कारोबारी को चेतावनी दी गई। टीम द्वारा पर्यटक सीजन के दृष्टिगत पोरवा में लगभग आधा दर्जन रिर्जाट एंव होटल रेस्टोरेंट का निरीक्षण किया गया। कुछ जगहों पर खाद्य लाइसेंस नहीं पाया गया व किचन में साफ सफाई व्यवस्था नहीं पायी गई। जिसके लिए 04 प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किये गये। टीम द्वारा चकराता बाजार में होलसेल/फुटकर वैर्कस/ रेस्टोरेंट आदि निरीक्षण किया गया। तथा 02 प्रतिष्ठान) से वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय तिवारी द्वारा 02 नमुने जांच हेतु लिए गये। जिसे जाँच हेतु राजकीय प्रयोगशाला रुद्रपुर भेजा गया। रिपोर्ट आने के पश्चात दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। अभियान के दौरान होटल, रेस्टोरेंट संचालकों को खुले खाद्य सामग्री विशेषतः, पनीर, मसाले व खाद्य तेल प्रयोग में न लाये जाने व खाद्य सामाग्री के निर्माण में गुणवत्ता परख खाद्य सामाग्री लाने के सख्त निर्देश दिये गये। कार्यवाही टीम में उपायुक्त खाद्य मुख्यालय जीसी कण्डवाल, बरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, विकासनगर/चकराता संजय तिवारी एफडीए विजिलेंस से योगेन्द्र सिंह नेगी एंव संजय नेगी मौजूद रहे। उक्त अभियान आगे भी जारी रहेगा।

आयुर्वेद विवि में कुलपति अरुण त्रिपाठी के चयन को लेकर सुलगे सवाल!

उत्ताराखंड आयुर्वेद विवि में बिना शिक्षा के कुलपति बनने का सुनहरा मौका !

उत्तरखण्ड आयुर्वेद विवि में फर्जी कुलपतियों अड्डा- कुछ सुलगते सवाल !

आयुर्वेद विवि में कुलपति अरुण त्रिपाठी के चयन को लेकर सुलगे सवाल

उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि में कुलपति के चयन का जिन्न फिर बाहर निकला

राज्यपाल को सम्बोधित शिकायती पत्र में कुलपति पद की योग्यता समेत कई अन्य गड़बड़ तथ्यों का उल्लेख

देहरादून। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति पद की चयन प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार के बाबत राज्यपाल से शिकायत की गई। शिकायती पत्र में आयुर्वेद विवि में छह महीने पूर्व नियुक्त किये हुए कुलपति डॉ अरुण त्रिपाठी की नियुक्ति को गलत बताते हुए इसे भ्र्ष्टाचार का मामला करार दिया गया।

शिकायती पत्र में कहा गया कि अरुण कुमार त्रिपाठी का प्रोफेसर पद पर 10 वर्ष का अनुभव पूर्ण नहीं है। और उन्होंने कई गलत जानकारी दे कर गुमराह किया।

पत्र में शासन की ओर से डॉ अरुण त्रिपाठी को जारी अनुभव प्रमाण पत्र पर भी उंगली उठाई गई है। कहा गया कि अनुभव प्रमाण पत्र विवि की ओर से जारी होना चाहिए था।

अमित गोदियाल की तरफ से दिए गए शिकायती पत्र में सर्च कमेटी को कठघरेमें खड़ा करते हुए सूचना के जनअधिकार से मिले दस्तावेजों को संलग्न किया गया है।

गौरतलब है कि नवंबर 2023 में डॉ अरुण त्रिपाठी की उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि में कुलपति पद लर नियुक्ति हुईथी। इस शिकायती पत्र के बाद कुलपति की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

नियुक्ति के छह महीने बाद की गई शिकायत पर कुलपति डॉ अरुण त्रिपाठी का लिखित में जवाब मिलने पर “ब्यूरो आइडिया फॉर न्यूज़ ” में अवश्य प्रकाशित किया जाएगा।

उत्तराखंडशिक्षा
आयुर्वेद विवि में कुलपति अरुण त्रिपाठी के चयन को लेकर सुलगे सवाल
29/05/2024 अविकल थपलियाल
उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि में कुलपति के चयन का जिन्न फिर बाहर निकला

राज्यपाल को सम्बोधित शिकायती पत्र में कुलपति पद की योग्यता समेत कई अन्य गड़बड़ तथ्यों का उल्लेख

अविकल उत्तराखण्ड

देहरादून। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति पद की चयन प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार के बाबत राज्यपाल से शिकायत की गई। शिकायती पत्र में आयुर्वेद विवि में छह महीने पूर्व नियुक्त किये हुए कुलपति डॉ अरुण त्रिपाठी की नियुक्ति को गलत बताते हुए इसे भ्र्ष्टाचार का मामला करार दिया गया।

शिकायती पत्र में कहा गया कि अरुण कुमार त्रिपाठी का प्रोफेसर पद पर 10 वर्ष का अनुभव पूर्ण नहीं है। और उन्होंने कई गलत जानकारी दे कर गुमराह किया।

पत्र में शासन की ओर से डॉ अरुण त्रिपाठी को जारी अनुभव प्रमाण पत्र पर भी उंगली उठाई गई है। कहा गया कि अनुभव प्रमाण पत्र विवि की ओर से जारी होना चाहिए था।

अमित गोदियाल की तरफ से दिए गए शिकायती पत्र में सर्च कमेटी को कठघरेमें खड़ा करते हुए सूचना के जनअधिकार से मिले दस्तावेजों को संलग्न किया गया है।

गौरतलब है कि नवंबर 2023 में डॉ अरुण त्रिपाठी की उत्तराखण्ड आयुर्वेद विवि में कुलपति पद लर नियुक्ति हुईथी। इस शिकायती पत्र के बाद कुलपति की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

नियुक्ति के छह महीने बाद की गई शिकायत पर कुलपति डॉ अरुण त्रिपाठी का लिखित में जवाब मिलने पर “अविकल उत्तराखण्ड” में अवश्य प्रकाशित किया जाएगा।

मा० राज्यपाल / कुलाधिपति जी, उत्तराखंड राजभवन,
न्यू कैंट रोड,
देहरादून- 248003
विषय : उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति पद की चयन प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत के सम्बन्ध में।
आदरणीय महोदय,
उपरोक्त विषयक आपके सादर संज्ञान में यह ताना है कि- उत्तराखंड शासन के आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग द्वारा गत वर्ष-2023 में उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति के रिक्त पद पर चयन हेतु समाचार पत्रों के माध्यम से दिनांक- 19.04.2023 को विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। उक्त चयन प्रक्रिया हेतु गठित की गयी सर्च कमेटी (Search Committee) सदस्यों द्वारा स्थापित नियमों के विरुद्ध जाकर चयन प्रक्रिया संबंधित कार्यवाही की गयी है तथा अयोग्य अभियर्थी की नियुक्ति किये जाने हेतु आपको (कुलाधिपति) को संस्तुति की गयी। इस चयन प्रक्रिया में वस्तुनिष्ठता (Objectivity) और पारदर्शिता (Transparency) के साथ-साथ निष्पक्षता (Impartiality) जैसे मूल्यों पर भी समझौता किया गया है।
विश्वविद्यालय के लिए कुलपति (Vice Chancellor) का पद सम्मानित होने के साथ ही सर्वोच्च महत्ता का पद भी होता है। विश्वविद्यालय के लिए समस्त शिक्षा व अनुसंधान से संबंधित महतवपूर्ण नीतिगत विषयों एवं समस्त वित्तीय निर्णय कुलपति में अधीन ही लिए जाते है। विश्वविद्यालय की कार्य परिषद्, शैक्षणिक समिति व वित्त समिति जैसे सर्वोच्च निकायों का अध्यक्ष होने के तौर पर विश्वविद्यालय की विकास की दिशा एवं दशा भी कुलपति के द्वारा लिए गए निर्णयों पर ही निर्भर करती है। अगर इस महत्वपूर्ण पद के लिए योग्यता को लेकर समझौता होगा तो उस विश्वविद्यालय का भविष्य अंधकार में ही होगा।
वर्तमान में शासन द्वारा उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर ड्रा० अरुण कुमार त्रिपाठी का चयन किये जाने से भी ऐसा ही
हुआ है। यद्यपि विश्वविद्यालय में कुलपति पद के लिए आवश्यक अर्हता (qualifications) के दृष्टिगत अभ्यर्थी डा० अरुण कुमार त्रिपाठी अयोग्य था, फिर भी सर्च कमेटी (Search Committee) ने डा० अरुण कुमार त्रिपाठी के नाम पर संस्तुति प्रदान की है। सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत
सरकार के आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग से मिली जानकारी एवं दस्तावेजों में से अनेकों तथ्य सामने आये है जो निम्नलिखित है-
1. सक्षम अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOC) प्राप्त नहीं किया जाना।
2. डा० अरुण कुमार त्रिपाठी का प्रोफेसर पद पर 10 वर्ष का अनुभव पूर्ण नहीं होना।
3. डा० अरुण कुमार त्रिपाठी द्वारा आवेदन पत्र में त्रुटियाँ करते हुए शिक्षण अनुभव की कुल अवधि की गलत जानकारी एवं फर्जी शिक्षण अनुभव दर्शाना।
4. डा० त्रिपाठी द्वारा ‘प्राचार्य पद पर मौलिक / नियमित रूप में नियुक्त होने के बाद भी अपने आप को कार्यवाहक रूप में दर्शाना।
5. डा० त्रिपाठी द्वारा आवेदन पत्र में वर्तमान में ‘प्राचार्य’ पद पर मौलिक नियुक्ति दिनांक की गलत जानकारी देना।
6. डा० अरुण कुमार त्रिपाठी द्वारा आवेदन पत्र में एक समय में अलग-अलग शहरों (जालंधर व वाराणसी) के विश्वविद्यालयों में पी०एच०डी० डिग्री कोर्स एवं नौकरी करते हुए एक साथ ही दर्शाना।
7. डा० अरुण कुमार त्रिपाठी द्वारा स्वहस्ताक्षरित कूटरचित फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र तैयार करना तथा आवेदन की तिथि समाप्त हो जाने के बाद उन्हें आवेदन में प्रस्तुत करना।
8. सर्च समिति के सदस्य-सचिव, डा० पंकज कुमार पांडेय (IAS) द्वारा विशेष अभ्यर्थी डा० अरुण कुमार त्रिपाठी का पक्ष लेना, विज्ञापन की शर्त के विरुद्ध जाकर आवेदन की समय-समाप्ति के बाद भी देरी से जमा किये गए दस्तावेजों वाले एवं त्रुटिपूर्ण भरे आवेदनों को निरस्त करने की जगह उन पर विचार करना, एवं डा० अरुण कुमार त्रिपाठी के तथ्यों व फर्जी प्रमाण-पत्रों को जानबूझकर नजरअंदाज करना।
दरअसल इस चयन मामले में एक प्रकार का षड्यंत्र हुआ है जो उच्च स्तरीय अधिकारियों के द्वारा स्वार्थपरता व पक्षपात भावना के साथ डा० त्रिपाठी के निजी हित में किया गया है। इस चयन प्रक्रिया में नियमों व तथ्यों की खुली अनदेखी हुई है। इस पत्र सारा मामला स्पष्ट हो रहा है जो उपरोक्त बिंदु विस्तारपूर्वक एवं साक्ष्य सहित निम्न प्रकार है-
सहित संलग्न किये गए समस्या साक्ष्यों से

किसी भी सरकारी सेवक के लिए विभाग या संस्थान में अपने मूल पद पर कार्य करते हुए किसी अन्य पद पर आवेदन करने से पूर्व नियमानुसार उस संस्थान के सक्षम प्राधिकारी से अनापत्ति प्रमाण-पत्र (No Objection Certificate) प्राप्त किया जाना आवश्यक होता है। ऐसा नहीं किया जाना नियमों का सीधा- सीधा उल्लंघन है। डा० अरुण कुमार त्रिपाठी की मौलिक (substantive appointment) नियुक्ति प्राचार्य (PRINCIPAL) के पद पर है तथा वर्तमान में वह उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हरिद्वार स्थित परिसर में कार्यरत है। क्योंकि डा० अरुण कुमार त्रिपाठी मूल रूप से आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कार्मिक है इसलिए तत्समय में उन्हें NOC प्रदान किये जाने के लिए सक्षम प्राधिकारी (competent authority) विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो० सुनील कुमार जोशी थे। लेकिन डा० त्रिपाठी ने कुलपति पद पर आवेदन करने के लिए अपने मूल विभाग के सक्षम प्राधिकारी से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं किया था।
वास्तव में डा० अरुण कुमार त्रिपाठी ने कभी भी NOC के लिए विश्वविद्यालय में आवेदन ही नहीं दिया और उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की तरफ से डा० त्रिपाठी को कोई NOC प्रदान नहीं की गयी थी। डा० त्रिपाठी द्वारा केवल शासन के आयुष विभाग से अपने अतिरिक्त प्रभार (कार्यवाहक निदेशक, आयुर्वेद एवं यूनानी सेवाएं) के रूप में NOC मांगी गयी थी। लेकिन डा० अरुण कुमार त्रिपाठी का मूल नियोक्ता विश्वविद्यालय है। इसलिए शासन का आयुष विभाग अभ्यर्थी डा० अरुण कुमार त्रिपाठी को उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में प्राचार्य पद पर मूल रूप से नियुक्त होने के कारण NOC जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं था।
अतः डा० अरुण कुमार त्रिपाठी का मूल विभाग ‘उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय है तथा अपने मूल विभाग के सक्षम प्राधिकारी से NOC प्राप्त किये बिना ही किसी अन्य नये पद पर आवेदन करना एवं नियुक्ति प्राप्त किये जाना नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। इस प्रकार कुलाधिपति/राज्यपाल द्वारा भी ऐसे अभ्यर्थी की नियुक्ति किया जाना नियम विरुद्ध है।
(संलग्न साक्ष्य-01)
2. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grant Commission) के नियमों एवं उत्तराखंड शासन के आयुष विभाग दिनांक- 19.04.2023 को प्रकाशित विज्ञापन (advertisement) के अनुसार कुलपति पद पर आवेदन करने के लिए अभ्यर्थी को किसी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद पर 10 वर्ष का शिक्षण अनुभव होना अनिवार्य है। लेकिन डा० त्रिपाठी का प्रोफेसर पद पर अनुभव केवल 04 वर्ष 08 माह (दिनांक- 17.02.2009 से 07.11.2013 तक) का ही है। उन्हें विश्वविद्यालय में दिनांक 08.11.2013 के बाद से कभी भी ‘प्रोफेसर’ के पद पर औपचारिक रूप से नियुक्त या नियोजित नहीं किया गया है।
इस कारण से डा० अरुण कुमार त्रिपाठी द्वारा अपने स्तर से ही एक स्वहस्ताक्षरित फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र (forged certificate) तैयार किया गया तथा बाद में आवेदन की तारीख समाप्त हो जाने के बाद पड़यंत्र के तहत बाकी दस्तावेजों के साथ जमा किया। डा० त्रिपाठी द्वारा अपने आवेदन पत्र के साथ दिनांक 08.11.2013 से 05.05.2023 तक की अवधि के दौरान का ‘प्रोफेसर’ पद के सापेक्ष शिक्षण कार्य किये जाने का कोई भी ऐसा अनुभव प्रमाण-पत्र संलग्न नहीं किया गया है, जिसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित व सत्यापित किया गया हो।
असल में वास्तविक तथ्य यह है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग हरिद्वार द्वारा दिनांक 08.11.2013 को डा० अरुण कुमार त्रिपाठी की मौलिक नियुक्ति प्राचार्य’ (PRINCIPAL) पद पर की गई थी। वह दिनांक 08.11.2013 से वर्तमान तक आज भी मूल रूप में ‘प्राचार्य’ (PRINCIPAL) पद के सापेक्ष ही नियुक्त है। यह प्राचार्य का पद एक प्रशासनिक संवर्ग का पद है तथा प्रोफेसर की तरह किसी शिक्षण संवर्ग का पद नहीं है। इसके बावजूद भी डा० अरुण कुमार त्रिपाठी द्वारा स्वयं को अपने आवेदन पत्र में विभिन्न कॉलम में प्रोफेसर (शिक्षक) पद पर कार्य करते हुए दर्शाया गया है। यह भ्रामक करने वाली जानकारी सीधे तौर पर धोखाधड़ी है। डा० त्रिपाठी द्वारा अपने आवेदन पत्र में दी गयी जानकारी को लेकर शपथ-पत्र (Affidavit) भी जमा किया गया है। जिस कारण वह शपथ लेने के बावजूद भी झूठा शपथ पत्र, जाली प्रमाण-पत्र एवं गलत जानकारी देने में IPC के तहत विभिन्न धाराओं में आरोपी भी बन रहे है।
इससे आश्चर्य की बात यह है कि सर्च कमेटी (search Committee) सदस्यों द्वारा आवेदन संबंधित दस्तावेजों का गहन विश्लेषण किये जाने के दौरान भी इसकी पुष्टि नहीं की गयी तथा इस बात को पड़यंत्र के तहत दबा दिया गया था। बल्कि इसके विपरीत जाकर सर्च समिति ने डा० अरुण कुमार त्रिपाठी का प्रोफेसर पद पर कार्य किये जाने का 14 वर्ष 02 माह के अनुभव माना गया है। लेकिन वास्तव में डा० त्रिपाठी का प्रोफेसर पद पर अनुभव केवल 04 वर्ष 08 माह (दिनांक- 17.02.2009 से 07.11.2013) तक ही का है जो किसी भी प्रकार से कुलपति पद की अर्हता के सापेक्ष पर्याप्त
नहीं है।। इसलिए डा० अरुण कुमार त्रिपाठी कुलपति पद पर चयन किये जाने हेतु योग्यता नहीं रखते है। डा० अरुण कुमार त्रिपाठी द्वारा आवेदन पत्र में दी गई कई जानकारियां गलत एवं भ्रामक करने वाली हैं। डा० त्रिपाठी द्वारा विभिन्न दस्तावेजों 3.
(संलग्न साक्ष्य-02)
में (i.e. Application Form, Teaching Experience Certificate & curriculum-vitae) अपने प्रोफेसर (Professor) पद पर शिक्षण अनुभव की कुल अवधि को को अलग-अलग दर्शाया है, जिसमें विरोधाभास उत्पन्न हो रहा है। उक्त समस्त भ्रामक करने वाले दस्तावेजो को डा० अरुण कुमार त्रिपाठी द्वारा स्वहस्ताक्षरित (self-signed) कर सत्यापित किया गया जो तालिका-01 में है-
देखें, शासन का अनुभव प्रमाण पत्र

उत्तराखण्ड शासन • आयुष एवं आयुष शिक्षा अनुभाग संख्याः 5८८/XL-1/2023-149/2010 देहरादूनः दिनांक 8 मई, 2023 अनुभव प्रमाण पत्र
प्रमाणित किया जाता है कि डॉ० अरुण कुमार त्रिपाठी पुत्र श्री उमा नाथ त्रिपाठी द्वारा आयुष एवं आयुष शिक्षा विभागान्तर्गत सौंपे गये निम्नवत कार्यों / दायित्वों का निर्वहन किया गयाः-
दिनांक 31.01.2012 से 07.11.2013 तक कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में तथा से लोक सेवा आयोग से चयनोपरान्त प्राचार्य के रूप में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार तथा ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय नियमित रूप से निरन्तर निर्वहन किया गया।
दिनांक 08.11.2013 राजकीय आयुर्वेदिक हरिद्वार के कार्यों का
दिनांक 24.07.2014 से दिनांक 11.07.2019 तक प्राचार्य, ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक कालेज हरिद्वार के पद पर बने रहते हुए निर्देशक आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं उत्तराखण्ड के पद के अतिरिक्त कार्य का निर्वहन किया गया।
दिनांक 30.03.2017 से 16.06.2017 तक कुल सचिव, उत्तराखण्ड आयुर्वेद पर बने रहते हुए निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं उत्तराखण्ड निर्वहन किया गया।
विश्वविद्यालय के पद के पद के कार्यों का
दिनांक 17.06.2017 से दिनांक 16.12.2017 तक कार्यवाहक कुलपति, विश्वविद्यालय, हर्रावाला, देहरादून के कार्यों के साथ-साथ निदेशक सेवायें के पद के कार्यों का निवर्हन किया गया।
उत्तराखण्ड आयुर्वेद आयुर्वेदिक एवं यूनानी
दिनांक 13.03.2020 से दिनांक 17.07.2020 तक प्राचार्य गुरुकुल/निदेशक परिसर गुरुकुल कांगडी के पद पर बने रहते हुए उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला, देहरादून में कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्य किया गया।
वर्तमान में दिनांक 16.11.2021 से अद्यतन कार्यवाहक निदेशक के रूप में एवं यूनानी सेवाएं उत्तराखण्ड देहरादून के पद के समस्त कार्यों का अनुभव।
निदेशक, आयुर्वेदिक
उक्त कार्यावधि में डॉ० अरूण कुमार त्रिपाठी, कार्यवाहक निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी * सेवायें उत्तराखण्ड का कार्य एवं व्यवहार उत्तम रहा है। यह प्रमाण पत्र निदेशक आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें उत्तराखण्ड के पत्र दिनांक 24.04.2023 के क्रम में निर्गत किया जा रहा है।
(डॉ० पंकज कुमार सचिव ।

मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश पहुंचकर चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्यालय का किया स्थलीय निरीक्षण।

मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश पहुंचकर चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्यालय का किया स्थलीय निरीक्षण।

मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के दिये निर्देश।

श्रद्धालुओं से लिया व्यवस्थाओं को फीडबैक।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को ऋषिकेश पहुंचकर चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्यालय एवं श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं से बातचीत कर उनसे व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया।

मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को आवश्यक मूलभूत सुविधाओं समेत पेयजल, भोजन, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ बनाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाए गए विश्राम स्थल, स्वास्थ्य केन्द्र एवं यात्रा नियंत्रण कक्ष में सभी सुविधाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने एवं व्यवस्थित यात्रा के लिए आपसी सामंजस्य से कार्य करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से उत्तराखण्ड आने वाले श्रद्धालुओं की सुगमए सुरक्षित एवं सुविधाजनक चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल श्री विनय शंकर पाण्डेय, आईजी श्री के.एस. नगन्याल एवं जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।