spot_img

तिब्बत विद्रोह दिवस: देहारादून में तिब्बती समुदाय ने चीन के विरोध में रैली निकालते हुए तिब्बतियों को रिहा करने की मांग की

देहारादून में तिब्बती महिला विद्रोह दिवस की 63वीं वर्षगांठ पर तिब्बती समुदाय ने चीन के विरोध में रैली निकालते हुए तिब्बतियों को रिहा करने की मांग की है।

धर्मगुरु दलाईलामा की पूजा कर विश्व शांति की प्रार्थना की

शनिवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में रीजनल तिब्बतन वूमेन एसोसिएशन देहरादून की बैठक हुई। जिसमें विभिन्न शाखाओं के पदधिकारी, सदस्य स्कूली छात्राएं शामिल हुए। इस दौरान तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा की पूजा कर विश्व शांति की प्रार्थना की। तिब्बतन सेटलमेंट के देहरादून ऑफिसर्स डोडुप गयालपो ने कहा कि 12 मार्च 1959 को तिब्बती महिलाओं ने चीन खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया था। जिसके बाद यह सिलसिला लगातार जारी है। हर साल 10 मार्च को क्रांति दिवस भी मनाया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र से की मांग

तिब्बती महिलाओं ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की है कि वह दलाई लामा के प्रतिनिधियों को चीन से रिहा करने के संबंध में वार्ता करें। भारत तिब्बत मैत्री संघ के संस्थापक रामचंद्र उपाध्याय ने कहा कि 1959 में चीनियों के जबरन तिब्बत पर कब्जे के विरोध में यह दिवस मनाया जाता है। उस समय तिब्बत की महिला समूहों ने काफी मुखर होकर चीन की हरकत का विरोध किया था।

नतीजतन सैकड़ों नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। तिब्बती नागरिक हमेशा शांतिपूर्ण विरोध को ही अहमियत देते आए हैं। आज भी कई तिब्बती चीन की कैद में हैं। उन्हें सोचने और जीवन बिताने की आजादी नहीं है।

तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मसला विश्व मंच पर उनके धार्मिक गुरु दलाई लामा निरंतर उठाते रहे हैं। लंबे समय से अपने देश से दूर तिब्बत की नई पीढ़ी के सामने अपने सामाजिक परिवेश और संस्कृति को बचाने की बड़ी चुनौती है। बैठक के बाद रैली प्रेस क्लब से बुद्धा चौक, दर्शनलाल चौक से होते हुए लैंसडाउन चौक पर आकर संपन्न हुई।

ये भी पढ़ें...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,852FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

ताजा खबर...